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Prayas - February 2023

 

                                                      

Year - 3                         Month - February 2023                              Issue - 39

प्यारे बच्चों,

परीक्षा का मौसम फिर से आ गया, आप दिमागी कसरत करने के लिए अपने आपको तैयार करें। दिमागी कसरत शारीरिक कसरत से भिन्न होती है। हमारे देश में शतरंज ईजाद किया गया तो इसीलिए कि यह दिमाग की सबसे कठिन और जोरदार कसरत है। खैर शतरंज तो सभी नहीं खेलते हैं, लेकिन क्रासवर्ड पजल्स या कम्प्यूटर पर दिए गए गेम सालिटायर को तो लगभग सभी पसंद करते हैं। आप इनसे शुरुआत कर सकते हैं। आप यदि यह भी नहीं करना चाहते हैं तो आसान तरीका है साधारण स्तर के गुणा-भाग अथवा जोड़-घटाव करना।

हफ्ते में एक बार कोई कविता या जोक याद करने की कोशिश करें। इससे आपका दिमाग शेप में रहेगा और इसकी ताकत भी बढ़ेगी। हमेशा कुछ नया करने की सोच रखिए। नए-नए आइडियाज को सामने आने दें। इसके लिए एक बच्चे की तरह सोचना ही काफी है। बच्चे सकारात्मक ऊर्जा, विस्मित भाव और उत्सुकता से सोचते हैं।

अपने आपको दिवास्वप्न देखने दीजिए। इससे मस्तिष्क तीक्ष्ण होगा और उसकी ताकत भी बढ़ेगी। अपने आपको केवल एक ही व्यक्ति न बनने दें। एक ही व्यक्ति में बहुत सारे व्यक्तित्व पैदा कीजिए। जितने अधिक हो सकें, उतने तरीकों से सोचिए।आईये अब परीक्षा से भय के बारें में सोचते है ।

परीक्षा का भय


कई विद्यर्थियों को परीक्षा के बारे में सोचकर ही बेचैनी महसूस होने लगती है। मन में कई विचार घूमने लगते हैं, -'क्या मैं सभी प्रश्नों का उत्तर दे पाउंगा?' 'थोड़ा और पढ़ लेता तो अच्छा होता' आदि। ये विचार लगभग हर विद्यार्थी को परेशान करते हैं। थोड़ा-बहुत दबाव बेहतर प्रदर्शन के लिए मददगार होता है। इससे शरीर में एड्रिनलिन हारमोन स्त्रावित होता है जो व्यक्ति को सचेत और फोकस्ड बनाए रखता है।

हल्का तनाव या दबाव होना स्वाभाविक है लेकिन ज्यादा घबराहट परेशानी का सबब बन जाती है। यह व्यक्ति के चारों ओर एक नकारात्मक घेरा बना देती है और फिर वो एकाग्र होकर सोच-समझ नहीं पाता। इसका बुरा प्रभाव पड़ता है प्रदर्शन पर क्योंकि विद्यार्थी न तो प्रश्नों पर अपना ध्यान केंद्रित कर पाता है और न सटीक उत्तर ही दे पाता है। ऐसे कई उपाय हैं जिनसे परीक्षा का भय दूर किया जा सकता है ताकि विद्यार्थी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें।

आईए अब परीक्षा से पहले क्या करने चाहिए ये देखते है ।


परीक्षा से पहले


अपना कोर्स समय रहते पढ़ लें और उसका रिविज़न भी कम से कम एक दिन पहले ही पूरा कर लें। ऐन वक्त तक पढ़ते रहने से तनाव बढ़ता है। चित्त स्थिर रखने और मन शांत करने के अलग-अलग तरीके हो सकते हैं, किसी को संगीत सुनने पर सुकून मिलता है तो किसी को व्यायाम करने से या फिर कुनकुने पानी से स्नान करना भी अच्छा तरीका हो सकता है। अपने लिए रिलेक्स करने का ऐसा ही कोई तरीका चुनें।

परीक्षा के दिन और उससे एक दिन पहले इस तरह के उपाय बहुत फायदेमंद साबित होते हैं। जो कुछ भी आपने पढ़ा है उसे याद रखने में ये सहायक होते हैं और आत्मविश्वास बढ़ताता है। एग्जाम सेंटर का रास्ता पता न होना भी घबराहट का कारण बन सकता है। इस बारे में पहले ही जानकारी जुटा लें और संभव हो तो एक बार खुद वहां जाकर देखें। इससे ऐन वक्त की हड़बड़ी से बच जाएंगे। परीक्षा के नियमों को ध्यान से पढ़ लें। परीक्षा से पहले की रात नींद पूरी करें।

अंत में परीक्षा के दौरान आपको किस प्रकार का व्यवहार रखना चाहिए इस पर चर्चा करना भी अनिवार्य है ।

परीक्षा के दौरान


'मुझे कुछ नहीं आता'। पढ़ाई नहीं की हो तो ये ख्याल परेशान कर सकता है लेकिन अच्छे से पढ़ने पर भी ऐसे विचार उत्पन्न होना घबराहट के संकेत हैं। तनाव के कारण विद्यार्थी ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते। कई तो प्रश्न भी ठीक से नहीं पढ़ पाते हैं। इससे बचने के लिए ये उपाय कर सकते हैं-

- परीक्षा कक्ष में सही समय पर पहुंचें।


- कक्ष में पहुंचकर लंबी-गहरी सांसें लें और छोड़ें। घबराहट में अक्सर लोग ठीक से सांस नहीं लेते हैं। गहरी सांस लेते हुए अपनी पीठ एकदम सीधी कर लें।


- आपके सामने रखी किसी स्थिर निर्जीव वस्तु (दीवार, तस्वीर, आदि) की ओर देखकर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करें।


- मन में कोई सकारात्मक बात दोहराएं जैसे - मैं ये परीक्षा पास करने वाला हूं। 1-2 मिनिट तक यही दोहराते रहें और फिर सामान्य रुप से सांस लें। शांति अनुभव करेंगे।


- प्रश्नों को ध्यान से पढ़ें। यदि परीक्षा के बीच बीच फिर से घबराहट होने लगे तो फिर से एकाग्रता के उपाय दोहराएं।


- प्रश्नपत्र सॉल्व करने की रणनीति तय कर लें। कौनसे प्रश्न पहले सॉल्व करेंगे आदि और बिना समय बर्बाद किए उत्तर लिखना शुरु कर दें।


याददाश्त के टिप्स...

किसी भी बात को याद रखने के लिए दिमाग उस बात का अर्थ मूल्य और औचित्य के आधार पर तय करता है। दिमाग की प्राथमिकता भी इसी क्रम में काम करती है। याद रखने की सबसे पहली सीढ़ी है अर्थ जानना, अतः किसी भी बात को याद रखने से उसका अर्थ जरूर समझिए।

यदि अर्थ ही समझ में नहीं आया है तो रटने का कोई मतलब नहीं है। इसलिए पहले जिस बात या पाठ को याद रखना है, पहले उसका अर्थ समझिए, फिर उसका महत्व और मूल्य समझिए इसके बाद आपके जीवन में उस बात का क्या औचित्य है यह जानिए।

इस माह इतना ही... अगले माह कुछ और…

परीक्षा बहुत ही अच्छे से दें आपको इसके लिए खूब ढेर सारी शुभकामनाएं।

धन्यवाद

आपका पथ-प्रदर्शक 

धर्मेन्द्र कुमार 

पुस्तकालयाध्यक्ष

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