💬Thought for the Day💬

"🍃🌾🌾 "Your competitors can copy your Work, Style & Procedure. But No one can copy your Passion, Sincerity & Honesty. If you hold on to them firmly, The world is yours..!! Follow your Principles." 🍃💫🍃💫🍃💫🍃💫🍃💫🍃

"Dhai Akhar" National Level Letter Writing Competition


Department of Posts is organizing the Dhai Akhar Letter Writing Competition at National Level on the theme “Digital India for New India”. Desirous participants may participate in the campaign.

The campaign will be conducted from 01st August to 31st October

The topic for the letter writing of Dhai Akhar 2023-24 will be “Digital India for New India”

The letter can be written in English, Hindi, or any Vernacular and will be addressed to the Chief Postmaster General of the respective Circle. The details of the Chief Postmaster General of different Circles are available at the given link.

CLICK HERE   

The competition will be in the following categories: 

(i) Up to 18 years: - 

(a) Inland Letter Card Category 

(b) Envelope Category 

(ii) Above 18 years: - 

(a) Inland Letter Card Category 

(b) Envelope Category

The embossed envelope/ envelope with stamp affixed for plain A-4 size paper letter and the Inland Letter Card (ILC) will be the permitted stationery 

 The letter can be written on plain A-4 size paper with a word limit of not more than 1000 words, or in an Inland Letter Card (ILC) (not more than 500 words) 

 Letter must be hand written and in any case, no typed letter will be accepted

Eligibility 

Any citizen of India can participate in this competition. There is no minimum or maximum age prescribed for participation. Any citizen of India can participate in the respective category according to his/her choice and age. The participants have to give a certificate of their age on the letter such as “I certify that I am below/above the age of 18 as on 01/01/2023”. In case of winning entries, the age and other ID certificates will be verified by the respective circle before sending the best three entries in each category to Directorate. 

Selection Procedure 

The best 03 (three) entries in each category will be shortlisted by every Circle and prize will be awarded to these 03 entries at Circle level. 

These best 03 entries of each category ( 12 in all) chosen at Circle level will be sent to the Directorate for further evaluation of final best 03 entries in each category at the National Level. 

Prize 

Circle Level Category 

 First prize in each category (4 Nos. ) : 

Rs. 25,000/- 

 Second prize in each category (4 Nos) : 

Rs.10,000/- 

 Third prize in each category (4nos.) : 

Rs. 5,000/-

 National Level Category 

 First prize in each category(4 Nos) : 

Rs. 50,000/- 

 Second prize in each category (4 Nos) : 

Rs. 25,000/- 

 Third prize in each category (4 Nos) : 

Rs. 10,000/-  

INQUIZITIVE - 2023

VSSF’s Science Awareness Activities are launched to create awareness on topics of relevance that enhance science literacy within the student community. As part of the campaign we are hosting webinars on SPACE SCIENCE, QUIZ and an IDEATE CHALLENGE, this is to lay a platform for the SCIENCE enthusiasts to understand and further interact with scientists and experts in this field. While India is celebrating the moon, to create a better understanding a ‘ Free Quiz ’ has been organized as part of the VSSF Lunar Month. It gives an opportunity for learners to understand their aptitude, identify and groom their scientific knowledge and work towards their areas of interest. Winners will be awarded exciting science prizes and the opportunity to interact with eminent scientists. Our mission is to ignite the Young Minds to think futuristic in science.

Theme: Earth to the Moon Story -Chandrayaan the Space Odyssey

To participate: Register online at www.vssf.in

Eligibility: Students from Grades 3 to 12

Test date : 4th – 10th October 2023

Mode: Online MCQ Quiz for 30 minutes purely focusing on Science with a special focus on Mission Chandrayaan

How to participate:  Register free for - Earth to Moon Quiz

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Prof. Satish Dhawan (1972-1984) by KV JANAKPURI
Career in Hindi by KV JANAKPURI

QUESTION BANK (10 & 12)

 

QUESTION BANK ( C.B.S.E )


 

CLASS X

CASE STUDY-BASED QUESTIONS

SCIENCE - CLICK HERE

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ENGLISH - CLICK HERE


CLASS XII

CASE STUDY-BASED QUESTIONS

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SOCIOLOGY - CLICK HERE

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MATHEMATICS - CLICK HERE

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COMPUTER SCIENCE - CLICK HERE

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दुनिया में सबसे समृद्ध भाषा है हिन्दी

 


एक भाषा के रूप में हिंदी न सिर्फ भारत की पहचान है। बल्कि यह हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची परिचायक भी है। बहुत सरल, सहज और सुगम भाषा होने के साथ हिंदी विश्व की संभवतः सबसे वैज्ञानिक भाषा है।
भारत की स्वतंत्रता के बाद 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी की खड़ी बोली ही भारत की राजभाषा होगी। इस महत्वपूर्ण निर्णय के बाद 1953 से सम्पूर्ण भारत में 14 सितम्बर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाते लगा है जो हिंदी भाषा के महत्व को दर्शाता है। पिछले 70 सालों से हम प्रतिवर्ष हिन्दी दिवस मनाते आ रहे हैं। इस वर्ष भी मनायेगें। 

किसी भी देश की भाषा और संस्कृति उस देश में लोगों को लोगों से जोड़े रखने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से हिन्दी और देवनागरी के मानकीकरण की दिशा में अनेक क्षेत्रों में प्रयास हुये हैं। हिन्दी भारत की सम्पर्क भाषा भी हैं। अतः हम कह सकते है की हिन्दी एक समृद्ध भाषा हैं। भारत की राष्ट्रीय एकता को बनाये रखने में हिन्दी भाषा का बहुत बड़ा योगदान हैं। 

एक भाषा के रूप में हिंदी न सिर्फ भारत की पहचान है। बल्कि यह हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची परिचायक भी है। बहुत सरल, सहज और सुगम भाषा होने के साथ हिंदी विश्व की संभवतः सबसे वैज्ञानिक भाषा है। जिसे दुनिया भर में समझने, बोलने और चाहने वाले लोग बहुत बड़ी संख्या में मौजूद हैं। भारतेन्दु हरिश्चंद्र को आधुनिक हिंदी का जनक कहा जाता है। जिन्होंने हिंदी, पंजाबी, बंगाली और मारवाड़ी सहित कई भाषाओं में अपना योगदान दिया था। 

यदि हम हिंदी भाषा के विकास की बात करें तो यह कहना गलत नहीं होगा कि पिछले सौ सालों में हिंदी का बहुत विकास हुआ है और दिन-प्रतिदिन इसमें और तेजी आ रही है। हिंदी भाषा का इतिहास लगभग एक हजार वर्ष पुराना माना गया है। संस्कृत भारत की सबसे प्राचीन भाषा है जिसे देवभाषा भी कहा जाता है। माना जाता है कि हिंदी का जन्म भी संस्कृत भाषा से हुआ है। भारत में धर्म, परंपराओं और भाषा में विविधता के बावजूद यहां के लोग एकता में विश्वास रखते हैं। भारत में विभिन्न भाषाएं बोली जाती हैं। लेकिन सबसे ज्यादा हिंदी भाषा बोली, लिखी व पढ़ी जाती है। इसीलिए हिंदी भारत की सबसे प्रमुख भाषा है। 

हिन्दी के ज्यादातर शब्द संस्कृत, अरबी और फारसी भाषा से लिए गए हैं। यह मुख्य रूप से आर्यों और पारसियों की देन है। इस कारण हिन्दी अपने आप में एक समर्थ भाषा है। जहां अंग्रेजी में मात्र 10 हजार मूल शब्द हैं। वहीं हिन्दी के मूल शब्दों की संख्या 2 लाख 50 हजार से भी अधिक है। हिन्दी विश्व की एक प्राचीन,समृद्ध तथा महान भाषा होने के साथ हमारी राजभाषा भी है। भारत की मातृ भाषा हिन्दी को सम्मान देने के लिये प्रति वर्ष हिंदी दिवस मनाया जाता है। 

हिन्दी ने भाषा, व्याकरण, साहित्य, कला, संगीत के सभी माध्यमों में अपनी उपयोगिता, प्रासंगिकता एवं वर्चस्व कायम किया है। हिन्दी की यह स्थिति हिन्दी भाषियों और हिन्दी समाज की देन है। लेकिन हिन्दी भाषा समाज का एक तबका हिन्दी की दुर्गति के लिए भी जिम्मेदार है। अंग्रेजी बोलने वाला ज्यादा ज्ञानी और बुद्धिजीवी होता है। यह धारणा हिन्दी भाषियों में हीन भावना लाती है। जिंदगी में सफलता पाने के लिये हर कोई अंग्रेजी भाषा को बोलना और सीखना चाहता है। हिन्दी भाषी लोगों को इस हीन भावना से उबरना होगा, क्योंकि मौलिक विचार मातृभाषा में ही आते हैं। शिक्षा का माध्यम भी मातृभाषा होनी चाहिए। शिक्षा विचार करना सिखाती है और मौलिक विचार उसी भाषा में हो सकता है जिस भाषा में आदमी जीता है। हमें अहसास होना चाहिये कि हिन्दी दुनिया की किसी भी भाषा से कमजोर नहीं है। 

हिन्दी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, और दिल्ली राज्यों की राजभाषा भी है। राजभाषा बनने के बाद हिन्दी ने विभिन्न राज्यों के कामकाज में लोगों से सम्पर्क स्थापित करनें का अभिनव कार्य किया है। लेकिन विश्व भाषा बनने के लिए हिन्दी को अब भी संयुक्त राष्ट्र के कुल सदस्यों के दो तिहाई देशों के समर्थन की आवश्यकता है। भारत सरकार इस दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। हम संभावनाएं जता सकते हैं कि शीघ्र ही हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषा में शामिल कर लिया जायेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी विदेश यात्रा के दौरान अधिकतर अपना सम्बोधन हिन्दी भाषा में ही देते हैं। जिससे हिन्दी भाषा का महत्व विदेशी धरती पर भी बढ़ने लगा है।

अंग्रेजी व चीनी भाषा मंदारिन के बाद हिन्दी विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली तीसरी सबसे बड़ी भाषा है। नेपाल, पाकिस्तान की तो अधिकांश आबादी को हिंदी बोलना, लिखना, पढना आता है। बांग्लादेश, भूटान, तिब्बत, म्यांमार, अफगानिस्तान में भी लाखों लोग हिंदी बोलते और समझते हैं। फिजी, सुरिनाम, गुयाना, त्रिनिदाद जैसे देश की सरकारे तो हिंदी भाषियों द्वारा ही चलायी जा रही हैं। पूरी दुनिया में हिंदी भाषियों की संख्या करीबन एक सौ करोड़ से अधिक है। 

बीसवीं सदी के अंतिम दो दशकों में हिन्दी का अन्तरराष्ट्रीय विकास बहुत तेजी से हुआ है। विश्व के लगभग 150 विश्वविद्यालयों तथा सैंकड़ों छोटे-बड़े केन्द्रों में विश्वविद्यालय स्तर से लेकर शोध के स्तर तक हिन्दी के अध्ययन-अध्यापन की व्यवस्था हुई है। विदेशों से हिन्दी में दर्जनों पत्र-पत्रिकाएं नियमित रूप से प्रकाशित हो रही हैं। हिन्दी भाषा और इसमें निहित भारत की सांस्कृतिक धरोहर सुदृढ और समृद्ध है। इसके विकास की गति बहुत तेज है। 

हिंदी भाषा एक दूसरे के साथ बातचीत करने के लिए बहुत आसान और सरल माध्यम प्रदान करती है। यह प्रेम, मिलन और सौहार्द की भाषा है। हिन्दी विविध भारत को एकता के सूत्र में पिरोने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लेकिन यह कैसी विडम्बना है कि जिस भाषा को कश्मीर से कन्याकुमारी तक सारे भारत में समझा जाता हो। उस भाषा के प्रति आज भी इतनी उपेक्षा व अवज्ञा क्यों ? प्रत्येक वर्ग का व्यक्ति हिन्दी भाषा को आसानी से बोल-समझ लेता है। इसलिए इसे सामान्य जनता की भाषा अर्थात जनभाषा कहा गया है। 

देश में तकनीकी और आर्थिक समृद्धि के एक साथ विकास के कारण हिन्दी ने कहीं ना कहीं अपना महत्ता खो दी है। आज हिन्दी भाषा में अंग्रेजी शब्दों का प्रचलन तेजी से बढ़ने लगा है। बहुत से बड़े समाचार पत्रों में भी अंग्रेजी मिश्रित हिन्दी का उपयोग किया जाने लगा है। जो हिन्दी भाषा के लिये शुभ संकेत नहीं हैं। रही सही कसर सोशल मीडिया ने पूरी कर दी है। जहां सॉफ्टवेयर की मदद से रूपांतर कर अंग्रेजी से हिन्दी भाषा बनायी जाती है। जिसमें ना मात्रा का ख्याल रहता है और ना ही शुद्ध वर्तनी का। वर्तमान समय में हिन्दी भाषा के समाचार पत्र व पत्रिकायें धड़ाधड़ बंद हो रहें हैं। 

आदिकाल से अब तक हिन्दी के आचार्यों, सन्तों, कवियों, विद्वानों, लेखकों एवं हिन्दी-प्रेमियों ने अपने ग्रन्थों, रचनाओं से हिन्दी को समृध्द किया है। परन्तु हमारा भी कर्तव्य है कि हम अपने विचारों, भावों एवं मतों को विविध विधाओं के माध्यम से हिन्दी में अभिव्यक्त करें एवं इसकी समृध्दि में अपना योगदान दें। कोई भी भाषा तब और भी समृध्द मानी जाती है जब उसका साहित्य भी समृध्द हो। 

हिन्दी दिवस के अवसर पर हमें यह संकल्प लेना चाहिये की हम पूरे मनोयोग से हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार में अपना निस्वार्थ सहयोग प्रदान कर हिन्दी भाषा के बल पर भारत को फिर से विश्व गुरु बनवाने का सकारात्मक प्रयास करेंगें। अब तो कम्प्यूटर पर भी हिन्दी भाषा में सब काम होने लगे हैं। कम्प्यूटर पर हिन्दी भाषा के अनेको सॉफ्टवेयर मौजूद हैं जिनकी सहायता से हम आसानी से कार्य कर सकते हैं। 

धन्यबाद

स्वच्छता पखवाड़ा प्रश्नोत्तरी 2023

Hindi Divas by KV JANAKPURI

प्रयास : सितम्बर २०२३

        

Year - 4                              Month - September 2023                       Issue - 45

प्यारे बच्चों,

इस माह को हमलोग हिंदी माह के रूप में मानते हैं । वर्ष 2001 में रिकॉर्ड के अनुसार, लगभग छब्बीस करोड़ नागरिक हिंदी में बात करते हैं। हिंदी को 14 सितंबर 1949 को भारत की राष्ट्रीय भाषा के रूप में अपनाया गया तब से हिंदी भाषा को एक उच्च दर्जा प्राप्त हुआ और इसी उपलक्ष्य में हम प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाते हैं।

हिंदी एक इंडो-आर्यन भाषा है, जिसे देवनागरी लिपि में भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में लिखा गया है। राजेंद्र सिंह, हजारी प्रसाद द्विवेदी, काका कालेलकर, मैथिलीशरण गुप्त और सेठ गोविंद दास गोविंद जैसे लोगों ने हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा बनाए जाने के पक्ष में कड़ी पैरवी की थी। भारतीय संविधान के आधार पर, अनुच्छेद 343 के अनुसार, हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया था। हमारी मातृभाषा हिंदी और देश के प्रति सम्मान दिखाने के लिए ही हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है।

हिंदी दिवस पूरे भारत में बहुत उत्साह और गर्व के साथ मनाया जाता है। शिक्षण संस्थानों से लेकर सरकारी दफ्तरों तक सभी हमारी राजभाषा को सम्मान देते हैं।

इतिहासकारों का मानना है कि हिन्दी विद्वानों द्वारा अपनी महान साहित्यिक कृतियों में प्रयोग की जाने वाली प्रमुख भाषा रही है। रामचरितमानस एक साहित्यिक कृति है जो हिंदी में भगवान राम की कहानी का वर्णन करती है और गोस्वामी तुलसीदास की सबसे महत्वपूर्ण कृतियों में से एक है, जिसे 16 वीं शताब्दी में लिखा गया था। हिंदी सबसे आदिम भाषाओं में से एक है जो मूल रूप से संस्कृत भाषा से संबंधित है। अतीत से, हिंदी एक भाषा के रूप में विकसित होकर हमारी राजभाषा बन गई है।

वर्ष 1917 में, महात्मा गांधी ने भरूच में गुजरात शिक्षा सम्मेलन में प्रस्तुत एक भाषण में हिंदी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने जोर देकर कहा कि हिंदी भाषा को राजभाषा के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए और अर्थव्यवस्था, धर्म एवं राजनीति के लिए संचार के रूप में भी इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

हमारे समाज में बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें पता नहीं होता है कि हिंदी दिवस कैसे मनाया जाता है? मैं आपको बता दूं की देश के सर्वप्रथम प्रधानमंत्री, जवाहरलाल नेहरू ने पहली बार 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने का फैसला किया था। हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में भारत के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में हिंदी साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों, प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता हैं जिसमें छात्र बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। जहां छात्र हिंदी में विभिन्न कविताओं का पाठ करते हैं तथा हिंदी निबंध पढ़कर हिंदी भाषा को गर्वान्वित करते हैं। हिंदी दिवस के इस अवसर पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं और हिंदी में कहानियां पढ़ी जाती हैं। हमारे लिए यह बहुत सम्मान की बात है कि हमारी राजभाषा हिंदी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों प्लेटफार्मों में लोकप्रियता हासिल कर रही है।

आज के आधुनिक समय में लोग पश्चिमी सभ्यता से काफी प्रभावित हुए हैं। हिन्दी भाषा का महत्व समाप्त होता जा रहा है। हिंदी दिवस लोगों को उनकी जड़ों से जोड़े रखता है और लोगों को उनकी मूल संस्कृति की याद दिलाता है। ऐसे कई भारतीय हैं जो आज भी भारतीय संस्कृति को बनाए रखने में गर्व महसूस करते हैं।

जय हिंद जय भारत..

अगले महीने कुछ और लेकर आपके सामने फिर आऊंगा ।

धन्यवाद

आपका पथ-प्रदर्शक 

धर्मेन्द्र कुमार 

पुस्तकालय अध्यक्ष 

JANMASHTAMI CONTEST - 2023




प्रतियोगिता


श्रीकृष्ण शृंगार
प्रतियोगिता

प्रवेश


रंगोली प्रतियोगिता



प्रवेश


चित्रकला प्रतियोगिता



प्रवेश


श्रीकृष्ण भजन प्रतियोगिता


प्रवेश


सेल्फी विथ कृष्णा


प्रवेश

छप्पन भोग एवं डेकोरेशन प्रतियोगिता

प्रवेश
पूजा घर डेकोरेशन प्रतियोगिता

प्रवेश
प्रवेशद्वार सजाना प्रतियोगिता

प्रवेश
झूला सजावट प्रतियोगिता

प्रवेश
नृत्य प्रतियोगिता


प्रवेश