Year - 4 Month - December 2023 Issue - 48
प्यारे बच्चों,
ज्यादा तर लोग सिर्फ अपने कम्फर्ट जोन में काम करना पसंद करते है वो बस एक सिक्योर कोना ढूढंते थे और उसी कोने अपने अपनी पूरी ज़िंदगी बिताने के लिए सोचते है। असल में इस दुनिया में दो तरह के लोग है एक वो जो सिर्फ जी हुजूरी करना जानते है सिर्फ हां में हां मिलाकर आगे बढ़ना जानते है और दूसरे वो जो अपने दम पर लोगो के हां में हां ना मिलाकर उनके हिसाब से जो चीज़ सही है वो चीज़ कर के उंचाईयों के सिखर को छूने की ताक़त रखते है।
ये जो जी हुजूरी करने वाले लोग होते है ना ये सिर्फ वही करते है जो इनका मालिक इन्हे करने को कहता है इसीलिए इन्हे मिलता भी उतना ही है जितना इनका मालिक इन्हे देता है और जो अपने दम पर अपने आप को सही साबित करते है उन्हें उतना मिलता है जितना उनके सोच उन्हें देने के सपने दिखाते है।
असल में अपने दम पर जीने की ताक़त सब में नहीं होती। कोई बहुत खाश ही होता है जो गधो के झुण्ड से निकलकर शेरो की तरह रास्ता बनाना जनता है। अपने देखा होगा की गधा कैसे मेहनत करता है। दिन रात काम करता है अपने मालिक की गुलामी करता है वह बहुत जी तोड़ मेहनत करने के बाद भी रहता आखिर गधा ही है। लेकिन शेर वो पुरे दिन सोता है लेकिन जब समय आता है शिकार का तब वह अपनी पूरी ताक़त लगा देता है शिकार करने में, वह अपना लीडर खुद होता है। शेर कभी किसी की गुलामी नहीं कर सकता।
जतनी मेहनत गधा पुरे दिन में करता है उतनी मेहनत शेर एक मिनट में करता है लेकिन उसके द्वारा एक मिनट में की गयी मेहनत गधे द्वारा की गयी दिन की मेहनत से कई गुना होता है। शेर जब एक बार शिकार करता है तो फिर उसे दो तीन दिन तक शिकार करने की जरुरत नहीं पड़ती। लेकिन गधा अगर एक दिन काम ना करे तो उसका काम नहीं चल सकता, उसका मालिक उसे भगा देगा।
जी हुजूरी हो लोग करते है उनकी मेहनत सफल तो होती है पर काम वही करना पड़ता है जो उनका मालिक उन्हें करने को बोलता है। वह बोलेगा की चाय लेकर आ तो चाय लानी पड़ेगी, वह बोलेगा की टेबल पर थोड़ा कपडा मार दे तो कपडा मरना पड़ेगा।
पर अगर तुम शुरू में ही टोक दोगे की मेरा जो काम है उसके आलावा और कोई काम नहीं कर सकता मैं, तो तुम्हारे सीनियर की हिम्मत नहीं होगी की दुबारा ये चीज़ बोले। जी हुजूरी करते-करते अगर तुम उचाई पर पहुंच भी जाते हो तो उन लोगो के नज़र में तुम्हारी इज्जत वही रहेगी की हमारे वजह से ही वह पहुंचा है।
पर अगर तुम अपने दम पर ऊंचाई पर पहुंचने की हिम्मत रखते हो तो इस दुनिया का कोई भी आदमी नज़र उठाने से पहले सौ बार सोचेगा और अगर नज़र उठती भी है तो उन आँखों में इतनी आदर, प्यार और सम्मान होगा की तुम्हारा सीना गर्व से और चौड़ा होने लगेगा। गुलामी किसी की भी क्यों करनी है यार।
क्यों किसी के पैरो में बैठ कर रोटी मांगनी है। क्या तुम वह चीज़ नहीं हांसिल नहीं कर सकते जहा वह सख्स बैठा है जिसकी तुम गुलामी कर रहे हो। कोई भी इंसान कमजोर सिर्फ तब होता है जब उसका बुद्धि और उसका दिल उसे ये यकीं दिलवाता है की तू कमजोर है और अपने दिल दिमाग की नहीं अपने दिल दिमाग को कण्ट्रोल में रखो अपने मन को कण्ट्रोल में रखो।
ये पूरी दुनिया भगवान ने आपको पुरे सम्मान से जीने के लिए दी है। ईश्वर के अलावा ये सिर कही झुकाने से पहले सौ बार सोचना की जहा मैं सिर झुका रहा हूँ वह इस लायक है भी या नहीं। काम करो बहुत करो पर कभी अपने आप को किसी के पैरो में गिराना मत और ना की किसी के आगे इतना झुकना की वह आपके कमर को पावदान समझने लगे। नए साल की खूब ढेर सारी शुभकामनाएं .
जय हिंद जय भारत..
अगले महीने कुछ और लेकर आपके सामने फिर आऊंगा ।
धन्यवाद
आपका पथ-प्रदर्शक
धर्मेन्द्र कुमार
पुस्तकालय अध्यक्ष
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