Year - 7 Month - September 2025 Issue - 69
प्यारे बच्चों,
आज मैं आपसे एक बहुत ज़रूरी बात करने आया हूँ – मेहनत, आत्मविश्वास और सपनों की।
सपनों की ताक़त
हर इंसान के जीवन में सपने होते हैं। सपनों के बिना जीवन अधूरा होता है। जैसे खेत बिना बीज के खाली रह जाता है, वैसे ही जीवन बिना सपनों के खाली रह जाता है।
मान लो कोई बच्चा सपना देखता है कि वह बड़ा होकर डॉक्टर बनेगा। अगर वह रोज़ मेहनत करेगा, पढ़ाई करेगा और कभी हार नहीं मानेगा, तो एक दिन ज़रूर डॉक्टर बनेगा और लोगों की मदद करेगा।
हमारे देश के ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी का सपना था वैज्ञानिक बनने का। उन्होंने बहुत कठिनाइयाँ झेली, पैसों की कमी थी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। मेहनत की, और एक दिन "मिसाइल मैन ऑफ इंडिया" कहलाए।
मेहनत का जादू
बच्चों, मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता। अगर आप बिना मेहनत किए अच्छे अंक पाना चाहते हैं, तो यह संभव नहीं है।
कहावत है – "जैसा बोओगे वैसा काटोगे।"
अगर किसान बीज ही न डाले तो फसल कैसे उगेगी? उसी तरह अगर हम मेहनत नहीं करेंगे तो अच्छे परिणाम नहीं मिलेंगे।
एक बार एक बच्चा आँवले का बीज बोता है। बीज धीरे-धीरे पेड़ बनता है और कई सालों बाद फल देने लगता है। मेहनत भी वैसी ही है – समय लेती है, लेकिन जब फल देती है तो बहुत मीठा और सुखद लगता है।
आत्मविश्वास की शक्ति
मान लीजिए कि आपको लगता है कि "मैं गणित में कमजोर हूँ" और आप हर वक़्त यही सोचते रहते हैं। तो आपका डर और बढ़ेगा। लेकिन अगर आप सोचेंगे – "मैं कर सकता हूँ, बस थोड़ा और अभ्यास चाहिए" – तो आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और धीरे-धीरे आप गणित में अच्छे हो जाएँगे।
स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था – "उठो, जागो और लक्ष्य प्राप्ति तक मत रुको।"
इसका मतलब है कि आपको हमेशा कोशिश करते रहना चाहिए।
असफलता से मत डरना
कभी-कभी बच्चे सोचते हैं – "अगर मैं असफल हो गया तो लोग क्या कहेंगे?" लेकिन असफलता से डरना नहीं चाहिए।
महान वैज्ञानिक एडिसन ने हजारों बार कोशिश की और अंत में बल्ब का आविष्कार किया। सोचो अगर वे बीच में हार मान लेते तो आज बिजली का बल्ब ही न होता।
इसलिए अगर अच्छे अंक न आएं या प्रतियोगिता में हार जाएं, तो उसे सीखने का मौका मानना चाहिए, न कि रुकने का कारण।
अच्छे संस्कार और आदतें
बच्चों, किताबें पढ़ना ज़रूरी है, लेकिन अच्छे संस्कार उससे भी ज़्यादा ज़रूरी हैं।
माँ-बाप की इज़्ज़त करो।
शिक्षकों का सम्मान करो।
छोटे-बड़ों से प्यार और मदद का व्यवहार रखो।
यही असली शिक्षा है।
इसके साथ-साथ कुछ अच्छी आदतें भी अपनाइए –
रोज़ समय पर पढ़ना।
खेलने और पढ़ने का समय सही तरीके से बाँटना।
झूठ न बोलना और मेहनत से कभी पीछे न हटना।
सकारात्मक सोच
हमारी सोच हमें सफलता दिलाती है।
एक बार एक राजा ने अपने दो बेटों को आधा भरा हुआ गिलास दिखाया। एक ने कहा – "गिलास आधा खाली है।" दूसरे ने कहा – "गिलास आधा भरा है।"
राजा ने कहा – "दूसरे बेटे की सोच सकारात्मक है, और यही सोच उसे आगे ले जाएगी।"
इसलिए हमेशा हर स्थिति में अच्छाई ढूँढना सीखिए।
बच्चों से उम्मीद
आप सभी देश का भविष्य हैं। आपकी मेहनत, आपकी ईमानदारी और आपका आत्मविश्वास ही भारत को आगे ले जाएगा। इसलिए सपने देखिए, मेहनत कीजिए और कभी हार मत मानिए।
बच्चों,
याद रखो –
सपना देखो, क्योंकि सपना ही मंज़िल की शुरुआत है।
मेहनत करो, क्योंकि मेहनत ही सफलता की चाबी है।
आत्मविश्वास रखो, क्योंकि आत्मविश्वास से मुश्किल काम भी आसान हो जाता है।
अगर आप इन तीन मंत्रों को याद रखेंगे, तो जीवन में आपको कोई नहीं रोक सकेगा। आप चमकते हुए सितारे बनेंगे और अपने माता-पिता, स्कूल और देश का नाम रोशन करेंगे।
जय हिंद वंदे मातरम ।धन्यवाद
अगले महीने कुछ और लेकर आपके सामने फिर आऊंगा ।
आपका पथ-प्रदर्शक
धर्मेन्द्र कुमार