इन टिप्स की मदद से बच्चे को डालें Fluent Reading की आदत
अगर आपका बच्चा 2nd या 3rd क्लास का स्टूडेंट है लेकिन अभी भी किताबों को अटक-अटक कर पढ़ता है, तो शायद हमारे ये टिप्स आपके काम आ सकते हैं।
आमतौर पर अपनी बोलचाल में हम अपनी मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा का इस्तेमाल करते हैं। अपनी भाषा में बात करते वक़्त हमारी Fluency बनी रहती है। जब किसी ऐसी भाषा को बोलने का अवसर आता है जिसका इस्तेमाल कभी-कभार किया जाता हो तो फ्लो कम हो जाता है। किसी भी लैंग्वेज को Fluent बोलने के लिए आवश्यक है रीडिंग। क्योकि केवल रीडिंग एक मात्र उपाय है जिसकी वजह से हम किसी भी लैंग्वेज को फ्लूएंटली बोलना सीखते हैं। अगर आप एक पैरेंट हैं और चाहते हैं कि आपका बच्चा किसी स्पेसिफिक लैंग्वेज को फ्लूएंटली बोले तो इसके लिए आपको उसे रीडिंग की आदत ड़ालनी होगी। उनकी रीडिंग स्किल में फ्लूएंसी लाने के लिए आप हमारे ये टिप्स अपना सकते हैं।
Audio books सुनने की आदत ड़ालें
बच्चे की रीडिंग स्किल को इम्प्रूव करने के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि आप उसको audio books करें। आपने देखा भी होगा कि बच्चे किसी भी सॉन्ग को सुनकर आसानी से याद कर लेते हैं। रोजाना audio books सुनने से बच्चा उस भाषा को समझने लगेगा। कुछ ही समय में धीरे-धीरे उसकी रीडिंग स्किल इम्प्रूव होने लगेगी।
Echo रीडिंग
पढ़े जानी वाली किताब के कुछ वाक्यों को बार बार दोहराना ही Echo रीडिंग कहलाती है। आप व्हाइट बोर्ड पर बच्चे को वाक्य लिखकर दें। बच्चे से इन वाक्यों को बार-बार दोहराने को कहें। आप इन वाक्यों को कम्प्यूटर स्क्रीन पर भी लिखकर दिखा सकती हैं। जब बच्चा बार-बार रीड करेगा तो अपने आप ही fluency पैदा हो जाएगी।
साथ में पढ़ें
यह सबसे पुराना लेकिन असरदार तरीका है जिससे आप अपने बच्चे की रीडिंग स्किल को इम्प्रूव कर सकते हैं। बच्चे को कोई भी स्टोरी बुक या न्यूज़ पेपर पढ़ कर सुनाएं। साथ ही उसको भी पढ़ने को कहें। धीरे-धीरे एक एक लाइन पढ़कर आगे बढ़ते जाएं। आप देखेंगे की कुछ ही दिनों बच्चा आपके साथ पढ़ने लगा है। और रोजाना की प्रैक्टिस से शायद वो आपसे पहले रीड करने की कोशिश करात नज़र आएगा।
एक्टिविटी के जरिए
जब हम कोई वाक्य पढ़ते हैं तो उसमें पढ़े गए कुछ शब्दों के अतरिक्त भी कुछ नए शब्द जोड़ लेते हैं। हमको कुछ ऐसा ही बच्चों के साथ भी करना चाहिए। आपकी किसी बुक में कुछ शब्दों को मार्क कर लें। इन मार्क किये गए शब्दों को 4 से 5 शब्दों के ग्रुप में बांट लें। शब्दों को इस तरह ग्रुप में रखें जो एक दूर से थोड़े जुड़े हों। इसके बाद बच्चे से एक ग्रुप के शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कोई मीनिंगफूल सेंटेन्स बनाने को कहें। इससे बच्चे की मानसिक कसरत होगी साथ वो इसको मज़े लेकर सीखेगा भी। इस तरह धीरे-धीरे वह fluency में बोलना सीख जाएगा।
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